अब भी दिला रहा हूँ यकीन-ऐ-वफ़ा मगर, मेरा न ऐतबार करो ,मैं नशे में हूँ। गिरने दो तुम मुझे,मेरा सागर संभाल लो, इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ। मुझको क़दम क़दम पे भटकने दो वाइजो, तुम अपना कारोबार करो,मैं नशे में हूँ। #Jagjit #Gajal #nojoto #Hindi #Shayri #Subh