सोचा नहीं था कभी,दिन ऐसे भी बिताने होंगे जीना भी जरूरी होगा,एहसान भी उतारने होंगे कोई पुराना दर्द भुलाने को,नये दर्द जगाने होंगे मुस्कुराना भी जरूरी होगा,आँसू भी छिपाने होंगे हाथों को उठाऊं दुआ में या सजदे पे सर को झुका लूं रूठी किस्मत को मनाने के,नये तरीके आज़माने होंगे अब तुम क्या सिखाओगे,जीने का हमें सलीका गिरना भी जरूरी होगा,नये तजुर्बे भी पाने होंगे तुम्हें खोकर फिर से पा लूं या फिर तुममें ही कहीं खो जाऊं पुराने रिवाज़ मिटाकर अब, नये रिवाज़ बनाने होंगे अगर यकीन नहीं आता तो बिछड़ कर देख लो कहानी नई बनेगी,किरदार वही पुराने होंगे... © abhishek trehan #zindagi #safar #khani #lifelessons #hindipoetry #hindikavita #hindishayari #abhishektrehan