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क्या पसंद है तुम्हारी अब कैसे कहूँ की जो पसन्द है

क्या पसंद है तुम्हारी

अब कैसे कहूँ की जो पसन्द है मेरी 
एक है वो लाखों में 
भोली सी सूरत है
समंदर है आँखों मे
रंग तो गेहुँआ है उसका
महक है उसकी सांसों में
गुलाबी होठ लंबे बाल
एक मिठास है उसकी बातों में 
ना वो चाँद का टुकड़ा है
ना ग़ालिब ग़ज़ल है
जो पसन्द है मुझे 
वो खुद खुदा का एक मुखड़ा है #yourquotebaba #yourquote #chaand #mukhda #tukda #khuda #chehra
क्या पसंद है तुम्हारी

अब कैसे कहूँ की जो पसन्द है मेरी 
एक है वो लाखों में 
भोली सी सूरत है
समंदर है आँखों मे
रंग तो गेहुँआ है उसका
महक है उसकी सांसों में
गुलाबी होठ लंबे बाल
एक मिठास है उसकी बातों में 
ना वो चाँद का टुकड़ा है
ना ग़ालिब ग़ज़ल है
जो पसन्द है मुझे 
वो खुद खुदा का एक मुखड़ा है #yourquotebaba #yourquote #chaand #mukhda #tukda #khuda #chehra