क्या पसंद है तुम्हारी अब कैसे कहूँ की जो पसन्द है मेरी एक है वो लाखों में भोली सी सूरत है समंदर है आँखों मे रंग तो गेहुँआ है उसका महक है उसकी सांसों में गुलाबी होठ लंबे बाल एक मिठास है उसकी बातों में ना वो चाँद का टुकड़ा है ना ग़ालिब ग़ज़ल है जो पसन्द है मुझे वो खुद खुदा का एक मुखड़ा है #yourquotebaba #yourquote #chaand #mukhda #tukda #khuda #chehra