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पहली मोहब्वत एक नज़र में जान गए। वो बेवफ़ा हुए हम

पहली मोहब्वत एक नज़र में जान गए।
वो बेवफ़ा हुए हम उनको पहचान ना सके।

दिल में उनको बसा लिया इस कदर अब दर्द प्यारा लगे।
भूलना चाहा उन्हें लेकिन हम दिल से निकाल ना सके।

मेरे सारे ख़्वाब आईने की तरह चकनाचूर हो गए।
गुलाब पंखुड़ियों सी मुरझा कर खुशबू अपनी बिखेर गए।

ज़ख्म जब सीने में भर जायेंगे आंँसू भी मोती बन बिखर जायेंगे।
वो हमें नासूर सा दर्द बन ज़िन्दगी भर सलाते रहेंगे।
 ♥️ Challenge-947 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
पहली मोहब्वत एक नज़र में जान गए।
वो बेवफ़ा हुए हम उनको पहचान ना सके।

दिल में उनको बसा लिया इस कदर अब दर्द प्यारा लगे।
भूलना चाहा उन्हें लेकिन हम दिल से निकाल ना सके।

मेरे सारे ख़्वाब आईने की तरह चकनाचूर हो गए।
गुलाब पंखुड़ियों सी मुरझा कर खुशबू अपनी बिखेर गए।

ज़ख्म जब सीने में भर जायेंगे आंँसू भी मोती बन बिखर जायेंगे।
वो हमें नासूर सा दर्द बन ज़िन्दगी भर सलाते रहेंगे।
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