मैंने सीने में जलती हुई अंगार छिपा रक्खा है जी कहीं आ ना जाए बाहर इसलिए खुद को गुलाम बना रक्खा है जी और डर है साहब रिश्तों को खोने का वरना हर एक खंचर छिपाए चेहरे का हिसाब लगा रक्खा है जी ©Aryan Shivam Mishra #अंगार #Fire