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White ज़ोफ़ से आँखों के नीचे तितलियाँ फिरती हुई औज

White ज़ोफ़ से आँखों के नीचे तितलियाँ फिरती हुई
औज-ए-ख़ुद्दारी से दिल पर बिजलियाँ गिरती हुई

लाश काँधे पर ख़ुद अपने जज़्बा-ए-तकरीम की
मुल्तजी चेहरे पे लहरें सी उम्मीद-ओ-बीम की

इज़्ज़त-ए-अज्दाद के सर पर दमा-दम ठोकरें
रिश्ता-ए-आवाज़ पर लफ़्ज़ों की पैहम ठोकरें

चहरा-ए-अफ़्सुर्दा पर ठंडा पसीना शर्म का
सुस्त नब्ज़ें भीक का लहजे के अंदर ठीकरा

क़र्ज़ की दरख़्वास्त की उलझी हुई तक़रीर में
कपकपी आसाब की बेचैन दिल की लरज़िशें

इक तरफ़ हाजत की शिद्दत इक तरफ़ ग़ैरत का जोश
नुत्क़ पर हर्फ़-ए-तमन्ना दिल में ग़ुस्से का ख़रोश

जुम्बिश-ए-मिज़्गाँ के ज़ेर-ए-साया नादारी की रात
जौहर-ए-इंसानियत जोड़े हुए आँखों में हात

साँस दहशत से ज़मीं की आसमाँ रोके हुए
मुफ़लिसी मर्दाना लहजे की इनाँ रोके हुए

लब पे ख़ुश्की रुख़ पे ज़र्दी आँख शर्माई हुई
चश्म ओ अबरू में ख़ुदी की आग कजलाई हुई

नफ़स में शेराना तेवर आरज़ू रूबा-मिज़ाज
एहतियाज ओ एहतियाज ओ एहतियाज ओ एहतियाज!

©Jashvant
  मुफ़लिस एक 'नज्म' Geet Sangeet Rajdeep Anupma Aggarwal Neema Ek Alfaaz Shayri
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Jashvant

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