प्रिये ... जो खुद अमावश हो ,उसे निशा क्या डराएगी.... अरे! हम तो चाँद है, गरऽ देखी चाँदनी, तो वो भी मुस्कुराएगी... J.N.RAGHUVANSHI सुुमन कवयित्री 𝐒𝐢𝐥𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐨𝐫𝐝𝐬 kriss.writes