Unsplash टूटे हुए टुकड़े भी हमें उठाना पड़ेगा। उन टुकड़ों को फिर दिल बनाना पड़ेगा। कब तक अपने सीने में बोझ ढोते रहें। हमें अब दर्द को गजल बनाना पड़ेगा। बहुत कोशिशों के बाद भी हार गया हूं मैं। अब ख्यालों में ही कोई महल बनाना पड़ेगा। माना कि आज बेहतर नहीं है रिश्ते हमारे। अपनों से मगर कल रिश्ता निभाना पड़ेगा। ©तन्हा शायर #snow badmash shayari shayari love shayari on life shayari attitude Islam