नायाब नहीं हूँ बहुत,क्योंकि कोहिनूर नहीं हूँ मैं जरा सी जिद्दी हूँ,हाँ मगर मगरूर नहीं हूँ मैं समझ न पाई कुछ जज्बातों को तेरे हाँ बेकसूर तो नहीं हूँ मैं पास ही तो हूँ दिल के तेरे,तुझसे दूर नहीं हूँ मैं मालूम है चाहत हूँ तेरी,तेरा फितूर नहीं हूँ मैं तेरे कहे बिना समझ नहीं आया हाँ बेकसूर तो नहीं हूँ मैं देख लिया पलटकर जिन्दगी को कहीं मसरूफ तो नहीं हूँ मैं आज भी वही ठहरी हुईं हूँ,कही दूर तो नहीं हूँ मैं कुछ खामियां तो थी ही मुझमें हाँ बेकसूर तो नहीं हूँ मैं #बेकसूर तो नही हूँ मैं