वो बचपन ही क्या बचपन है जो मिट्टी में न फ़िसला हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो बागो में न टहला हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो नदियों में न डूबा हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो गलियों में न घूमा हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो पतंग के संग न दौड़ा हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो हवा के रुख न मोडा हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो मां की डांट से सोया हो वो बचपन ही क्या बचपन है जो पिता के मार से रोया हो #memoriesofchildhood