न कोई जीता, न कोई हारा... तू माने या ना माने दिलदारा... पर सुलझा दी है मैंने ज़िन्दगी और मौत की गुत्थी... कि यदि दोनों को मान लो दो छुट्टी... तो एक छुट्टी अभी कर रही है हम सबको होस्ट... तो दूसरी अभी बाकी है मेरे दोस्त... 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल न कोई जीता, न कोई हारा... तू माने या ना माने दिलदारा... पर सुलझा दी है मैंने ज़िन्दगी और मौत की गुत्थी... कि यदि दोनों को मान लो दो छुट्टी... तो एक छुट्टी अभी कर रही है हम सबको होस्ट... तो दूसरी अभी बाकी है मेरे दोस्त...