जिस्म जब ऊब जाया करता है हवस से, तो औकात पर आ जाता है, फ़िर भी ना संभले तो समझना इसे नासूर, वरना कहीं का नहीं रह जाता है! ...... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey नासूर... #beingoriginal #NojotoHindi