भूलता नहीं है दिल है कि तुम्हारी हंसी को भूलता ही नहीं जब भी हूं अकेले तो तुम्हारे होने का एहसास भूलता नहीं न जाने कहां तुम गुम हो गए आंधियों की चपेट में कहां बह गए सोचती हूं काश कुछ खास हो जाए तुम्हारा बस दीदार हो जाए कर दूं यह फनहा जिंदगी अब तुम्हारे नाम खत्म कर दूं यह रोज-रोज की जद्दोजहद बिन तुम्हारे जीने की अपने साथ करूं क्या हर लम्हा तुम्हारी मोहब्बत का भूलता नहीं कुछ पन्नों में दफ़न बातों का सिलसिला मेरा साथ छोड़ता नहीं मत करो देर कहीं मैं ओझल ना हो जाऊं कहीं तुम्हारी यादों के चोले में दफन ना हो जाऊं ©_muskurahat_ भूलता नहीं है #raj #poet #nojotopoem दिल है कि तुम्हारी हंसी को भूलता ही नहीं जब भी हूं अकेले तो तुम्हारे होने का एहसास भूलता नहीं न जाने कहां तुम गुम हो गए आंधियों की चपेट में कहां बह गए सोचती हूं काश कुछ खास हो जाए तुम्हारा बस दीदार हो जाए