India quotes अगर इन अल्पसंखयकों में से कोई जाति या समुदाय पिछड़ा या असहाय है तो उन्हें आरक्षण देने में कोई बुराई नहीं है लेकिन धर्म के आधार पर किसी को पिछड़ा घोषित करना अपरिपक्वता या स्वार्थ ही दर्शाता है. यह सच है कि भारत की कुछ जातियां या जनजातियां पूरी तरह पिछड़ी और दमित हैं लेकिन धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या के आधार पर आरक्षण जैसा अधिकार देना " एक नई और गंभीर बहस छेड़ सकता है " ©G0V!ND DHAkAD #Minorities_Rights_Day_in_India #अल्पसंख्यक भारत के संविधान की धारा 15 व धारा 16 में मौलिक अधिकारों के वर्ग में साफ लिखा हुआ है कि जो सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं उनके विकास के लिए विशेष कोशिशें की जाएं. यह कोशिश सरकार करती है. संविधान में कहा गया है कि ऐसे लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा. किंतु इस तरह के प्रावधान किसी भी रूप में धार्मिक आधार पर किसी रियायत की वकालत नहीं करते हैं.