चुप चाप रहू या मैं कुछ कहूँ, मेरा सपना तो बस सपना हैं | बरबस देखा करता हरपल उसको, जो मेरी आँखों का अपना है | उस सपने की छोटी सी दुनिया मेरी, जिसमे बसता कोई अपना है | चुप चाप रहू या मैं कुछ कहूँ, मेरा सपना तो बस सपना हैं.......... मेरा सपना तो बस सपना हैं....................................... sapna