आज नुक्कड़ वाली चाय की दुकान पर उनसे मुलाकात हो गयी,,,, पड़ती रही बारिश शाम से रात हो गयी।। दोस्तो के साथ में बारिश की मस्ती, वो चाय की चुस्की और मठरी खस्ती,, बीत गयी पुरानी वो बात हो गयी।। अब बीत गया वक़्त कहाँ वो दौर आयेगा,, कहाँ वो बारिशों से मस्ती का शोर आयेगा।। मिलती थी बाजारों में,,,, वो गुल्लक चव्वनी अठन्नी की, खत्म वो अब हाथो हाथ हो गयी।। ©kajal #बारिश वाली मस्ती #दोस्तो का साथ #यादें भूली बिसरी #मस्ती time #Smile