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कल अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्तापलट हुआ

कल अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्तापलट हुआ 
तब श्रद्धेय अटल जी की ये पंक्तियां सटीक लगीं.

दुनिया का इतिहास पूछता,
रोम कहाँ, यूनान कहाँ?
घर-घर में शुभ अग्नि जलाता।
वह उन्नत ईरान कहाँ ?
दीप बुझे पश्चिमी गगन के,
व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,
किन्तु चीर कर तम की छाती,
चमका हिन्दुस्तान हमारा।
शत-शत आघातों को सहकर,
जीवित हिन्दुस्तान हमारा।
जग के मस्तक पर रोली सा,
शोभित हिन्दुस्तान हमारा।

श्री अटल बिहारी वाजपेई जी 
की स्मृतियों को विनम्र प्रणाम 🙏💐

©Nisheeth pandey कल अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्तापलट हुआ तब श्रद्धेय अटल जी की ये पंक्तियां सटीक लगीं.

दुनिया का इतिहास पूछता,
रोम कहाँ, यूनान कहाँ?
घर-घर में शुभ अग्नि जलाता।
वह उन्नत ईरान कहाँ ?
दीप बुझे पश्चिमी गगन के,
व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,
कल अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्तापलट हुआ 
तब श्रद्धेय अटल जी की ये पंक्तियां सटीक लगीं.

दुनिया का इतिहास पूछता,
रोम कहाँ, यूनान कहाँ?
घर-घर में शुभ अग्नि जलाता।
वह उन्नत ईरान कहाँ ?
दीप बुझे पश्चिमी गगन के,
व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,
किन्तु चीर कर तम की छाती,
चमका हिन्दुस्तान हमारा।
शत-शत आघातों को सहकर,
जीवित हिन्दुस्तान हमारा।
जग के मस्तक पर रोली सा,
शोभित हिन्दुस्तान हमारा।

श्री अटल बिहारी वाजपेई जी 
की स्मृतियों को विनम्र प्रणाम 🙏💐

©Nisheeth pandey कल अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्तापलट हुआ तब श्रद्धेय अटल जी की ये पंक्तियां सटीक लगीं.

दुनिया का इतिहास पूछता,
रोम कहाँ, यूनान कहाँ?
घर-घर में शुभ अग्नि जलाता।
वह उन्नत ईरान कहाँ ?
दीप बुझे पश्चिमी गगन के,
व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,