हम पर किसी नुस्खे ने भी कहाँ काम किया एक शिकस्त ऐ मोहब्बत ने हमारा ये अंजाम किया तेरा वक़ार कम न होने दिया अनजाने मै भी तेरी पारसाई की खातिर खुदी को बदनाम किया एक अजीब कशमकश ऐ इश्क़ था हम मैं जुदाई से इतना थके तेरे बाद सिर्फ आराम किया ये जो आज तू अपनी दुनिया मे मगन फिरता है तेरी मजबूरियों के लिए हमने खुशियों को नीलाम किया मैखाने मे बेठे आज तो साखि ने हैरान किया ज़माना हुआ देखते देखते तुम पर असर कहाँ कोई जाम किया ©Mohammad sarim #Dard #Dard_e_dil #mohabbat #Love #Zindagi #ummid #sadpoetry #sadghazal #gaon