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तुझे देखे बिना एक ज़माना हो गया, मैं शायद खुद से ही

तुझे देखे बिना एक ज़माना हो गया,
मैं शायद खुद से ही बेगाना हो गया।

तेरे चेहरे का नूर भी, इतना बेदाग है,
के चाँद भी तेरा हाँ, दीवाना हो गया। एक साल होने को आये हैं। मगर तुम हो, तुम हो कि आने का नाम ही नहीं लेती। कभी अपना फूल से चेहरा भी नहीं दिखाती और ना ही अपनी मीठी मीठी बातों से मेरे अंतस को सुकून पहुँचाती हो। कहीं खो गयी हो तुम शायद। कोई बात नहीं। कभी तो लौट कर आओगी। नहीं भी आई तो क्या हो गया, तुम्हारा इंतिज़ार किसी मोहब्बत से कम थोड़े ही है। ये जन्म ना सही, अगला सही, या फिर कोई और ही। मगर ये सृष्टि खत्म होने के पहले हम एक बार मिलेंगे। ज़रूर मिलेंगे। यक़ीन है मुझे। और उस दिन, उस दिन मैं तुमसे पूछुंगा, पूछुंगा कि तुम इतनी देर से क्यूँ लौट कर आई हो। और तुम्हारे उस ज़वाब से ही शायद मेरी रूह को सदियों बाद सुकूँ मिलेगी, और शायद वही मेरी, किसी भी ज़िंदगी का सबसे सुनहरा और खूबसूरत पल होगा।

© इकराश़

#YqBaba #YqDidi #ikraashnaama  #Loge #Life
तुझे देखे बिना एक ज़माना हो गया,
मैं शायद खुद से ही बेगाना हो गया।

तेरे चेहरे का नूर भी, इतना बेदाग है,
के चाँद भी तेरा हाँ, दीवाना हो गया। एक साल होने को आये हैं। मगर तुम हो, तुम हो कि आने का नाम ही नहीं लेती। कभी अपना फूल से चेहरा भी नहीं दिखाती और ना ही अपनी मीठी मीठी बातों से मेरे अंतस को सुकून पहुँचाती हो। कहीं खो गयी हो तुम शायद। कोई बात नहीं। कभी तो लौट कर आओगी। नहीं भी आई तो क्या हो गया, तुम्हारा इंतिज़ार किसी मोहब्बत से कम थोड़े ही है। ये जन्म ना सही, अगला सही, या फिर कोई और ही। मगर ये सृष्टि खत्म होने के पहले हम एक बार मिलेंगे। ज़रूर मिलेंगे। यक़ीन है मुझे। और उस दिन, उस दिन मैं तुमसे पूछुंगा, पूछुंगा कि तुम इतनी देर से क्यूँ लौट कर आई हो। और तुम्हारे उस ज़वाब से ही शायद मेरी रूह को सदियों बाद सुकूँ मिलेगी, और शायद वही मेरी, किसी भी ज़िंदगी का सबसे सुनहरा और खूबसूरत पल होगा।

© इकराश़

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एक साल होने को आये हैं। मगर तुम हो, तुम हो कि आने का नाम ही नहीं लेती। कभी अपना फूल से चेहरा भी नहीं दिखाती और ना ही अपनी मीठी मीठी बातों से मेरे अंतस को सुकून पहुँचाती हो। कहीं खो गयी हो तुम शायद। कोई बात नहीं। कभी तो लौट कर आओगी। नहीं भी आई तो क्या हो गया, तुम्हारा इंतिज़ार किसी मोहब्बत से कम थोड़े ही है। ये जन्म ना सही, अगला सही, या फिर कोई और ही। मगर ये सृष्टि खत्म होने के पहले हम एक बार मिलेंगे। ज़रूर मिलेंगे। यक़ीन है मुझे। और उस दिन, उस दिन मैं तुमसे पूछुंगा, पूछुंगा कि तुम इतनी देर से क्यूँ लौट कर आई हो। और तुम्हारे उस ज़वाब से ही शायद मेरी रूह को सदियों बाद सुकूँ मिलेगी, और शायद वही मेरी, किसी भी ज़िंदगी का सबसे सुनहरा और खूबसूरत पल होगा। © इकराश़ #yqbaba #yqdidi #IkraashNaama #loge Life