चेहरे मे वो क्या ढूंढ रहे हैं ख़ुदा ढूंढ रहे या नया मका ढूंढ रहे हैं रुकने वाले तोह बस छाव ढूंढ़ते हैं छाव मे हैं फिर क्या ढूंढ रहे हैं. शायद उनकी खिड़कि खुली हैं हो सकता हैं वो उनके निशा ढूंढ रहे हैं. manas_subodh #sayri Nisha Namita