एक अफ़वाह-सी फैला रखी है इस दिल ने
तू न होकर भी कहीं मौजूद है, एक आस-सी जगा रखी है इस दिल ने
बेरुखी ज़रा-सी इस वक़्त की है, ये रुत तो फिर भी बदल जाएगी
हर अंजाम झेलते हुए, दिलोदिमाग की अनबन भी थम जाएगी
कुछ बात था, जो ख़ास था
अनकहा-सा वो इतिहास था #hindiwriters#ज़िन्दगी#इश्क़#yqdidi#yqhindishayari#hindilongpoetry