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ईद-ऊल_अजहा का असली सच कृपया अनुशीर्षक मे पढ़ें धन्य

ईद-ऊल_अजहा का असली सच
कृपया अनुशीर्षक मे पढ़ें
धन्यवाद
🙏🙏🙏

©Naresh Chandra शमीम - भाईजान बकरीद आने वाली है और आपको हमारे घर पर होने वाली दावत में शरीक होना ही पड़ेगा कोई बहाना नहीं चलेगा।

योगी - वो सब तो ठीक है मियां पर यह तो बताओ कि बकरीद मनाते क्यों हैं ?

शमीम - भाईजान बहुत पहले एक हजरत ईब्राहिम हुए थे जिनका अल्लाह पर ईमान बहुत पुख्ता था और जिन्होंने अल्लाह के कहने पर अपनी सबसे प्यारी चीज़ यानि अपने बेटे की कुर्बानी दी थी और अल्लाह ने खुश होके उनके बेटे को फिर ज़िंदा कर दिया था। तो उसी की याद में हम भी अपनी सबसे प्यारी चीज़ की कुर्बानी देते हैं।

योगी - अच्छा मतलब आप भीअपने बेटे या किसी और करीबी की कुर्बानी देते हो इस दिन?
ईद-ऊल_अजहा का असली सच
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©Naresh Chandra शमीम - भाईजान बकरीद आने वाली है और आपको हमारे घर पर होने वाली दावत में शरीक होना ही पड़ेगा कोई बहाना नहीं चलेगा।

योगी - वो सब तो ठीक है मियां पर यह तो बताओ कि बकरीद मनाते क्यों हैं ?

शमीम - भाईजान बहुत पहले एक हजरत ईब्राहिम हुए थे जिनका अल्लाह पर ईमान बहुत पुख्ता था और जिन्होंने अल्लाह के कहने पर अपनी सबसे प्यारी चीज़ यानि अपने बेटे की कुर्बानी दी थी और अल्लाह ने खुश होके उनके बेटे को फिर ज़िंदा कर दिया था। तो उसी की याद में हम भी अपनी सबसे प्यारी चीज़ की कुर्बानी देते हैं।

योगी - अच्छा मतलब आप भीअपने बेटे या किसी और करीबी की कुर्बानी देते हो इस दिन?