शरारत तुम अपनी ज़िंदगी बेफ़िक्रमन्द हो के जियो, बना लो ख्वाबगाह-सा, इसे जन्नत कर लो। न ज़रूरत है किसी बड़े कारनामे की, कि बस इतना करो कि हमसे मोहब्बत कर लो। तुम अपनी आंखों से देखो जो ख्वाब शामो-सहर गले लगा लो मुझे और हकीकत कर लो। ये अदाएं, ये निगाहें, ये तेरा चुलबुलापन, मेरे पहलू में आ के इनकी हिफाजत कर लो। मेरी बातों पे करो ऐतबार कुछ पल को, मेरी जाँ हम से भी थोड़ी-सी शरारत कर लो। #pravesh_kanha #ज़िंदगी #zindgi #बेफिक्र #जन्नत #मोहब्बत #ग़ज़ल #मेरीक़लमसे YQ Sahitya YourQuote Hindi YQbaba