एक जबान बेटे और एक बूढ़ी मां के बीच समाझौता बेटा: मै तूझे , प्यार तो बहुत करता हूं। बस तेरे लिए वक्त नहीं नीकाल पाता। बड़ा आदमी बनना है ना मुझे, तो बहुत सहना पड़ता है। बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है। तू समझ रही है ना। मां ............ वो वेचारी क्या समझेगी, और क्या बताएगी। इतने सारे शब्द कहां से लाएगी।.... मै बताता हु, कभी पेड़ो से मत पूछना, कि फल देने मे वो क्या -क्या सहते हैं। जिसने अपनी कोख से औलाद जन्मी हो , उसे मत बताना बर्दाश्त करना किसे कहते हैं।। ..... सोचो जड़ा वो कष्ट , जो भीष्म पितामह को शर शैय्या पर मरने में हुआ था। वदन की सारी हड्डियां एक साथ चटक जाय तो कितना दर्द होगा,..... बस वही दर्द , तुम्हें पैदा करने में हुआ था।।।। ©Abhishek Raj #NojotoRamleela