मेरे मेहबूब बदल जाते है मौसम की तरह, फिर ये गुल गुजारता है हर मौसम पतझड़ की तरह !! गौरव सक्सेना !! मेरे मेहबूब बदल जाते है मौसम की तरह, फिर ये गुल गुजारता है हर मौसम पतझड़ की तरह !! गौरव सक्सेना !!