मेरीतन्हाई जब भी मिलती है खामोसियो में बाते करती हैं पूछती है हाल चाल और अंजान से सवाल करती है चुप हो कर भी मन में बहुत सी धागे बुनती हैं मेरी तन्हाई रात के खामोसियो में शोर करती सी चुपके से आंखो को मोती टपकाती सी अकेली होकर भी साथ निभाती सी मेरी तन्हाई नादान सी अनजान सी पर फिर भी दिल की मेहमान सी मेरी तन्हाई ©Mahiya Mahi #मेरीतन्हाई #mahiyamahi #mahiya #लव #Poetry