मेरी नाराज़गी ,मेरी शिकायत को मेरा गुस्सा समझ लेते है,, मेरे अपने ही मुझे बाग़ी बना देते हैं,,। मेरे सवालों को गलती बता देते है,,हर रोज नया इल्ज़ाम लगा देते है,,मेरे बुरा होने का सबूत वो हर रोज देते हैं,,। मेरे घर वाले मुझे बाग़ी कह देते है,,। मेरे जस्बात को समझ नही पाते हैं अपने बनाये कानून मुझपे चलाते है,। मैं हूँ अलग ए बात समझ नही पाते है,,मेरे अलग होने को गुन्हा ये बताते है,,मेरे समाज वाले मुझे साँस तक नही लेने देते है,। मुझे ज़िंदगी जीना हैं अपने शर्तों पे ये बात ये क्यूँ समझ नही पाते हैं।। #NojotoQuote मेरी ज़िंदगी हैं मैं बाग़ी नही अज़ाद हूँ।। #azaad#sans#Baaghi#poetry#poem#Quotes#shayari#Nojoto#fun#comedy#society#