मैं मूर्ख (अज्ञ) सही जमाने की नजरों में, फिर भी हर किसी के ह्रदय के उद्गारो,और भाव- बन्धो को समझने के लिए प्रयत्नशील रहता हूँ या (समझता हूँ) और एक वो जन है,जो किसी की भावनाओं की कद्र नहीं करते है। वही लोग शान से खुद को विद्वान और सुयोग्य कहते है। अमर'अरमान' लेखक विचारक मूर्ख कौन ?