उदास हूँ या नहीं पता चलता नहीं हाँ कुछ कहतें हैं कि गुमसुम सी हो गयी हूँ मेरी आँखों में ज़माने का दर्द यूँही पलकों को भारी करता है यादों के परिन्दें भी थक चुके हैं उड़ान भरते भरते उम्र के ढलते सूरज को सलाम करने का वक्त लगता है उदास हूँ या नहीं जिंदगी की शाम हो चुकी शायद #rzmph#rzmph129 #rzhindi#yqrestzone#collabwithrestzone #yqrz#yqdidi#yqbaba