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कभी देखा है ........... . चाँद को आईने में सवरते ह

कभी देखा है ...........
.
चाँद को आईने में सवरते हुए l 
जुंगनू की रोशनी में 
अपना चेहरा देखते  हुए l 

मैंने देखा है .............

               एक दाग जो उसके दायीं गाल पर है 
         उसके होंठ से बिल्कुल सटे हुए 
    उसे छिपाते हुए l 
 
   उसे पसंद नहीं है शायद ..............

 " पर जो ये दाग है ,
                        वही तो मेरे लिए नायाब है l " शशिकांत सुमन #love#Romance#
#poetry#
कभी देखा है ...........
.
चाँद को आईने में सवरते हुए l 
जुंगनू की रोशनी में 
अपना चेहरा देखते  हुए l 

मैंने देखा है .............

               एक दाग जो उसके दायीं गाल पर है 
         उसके होंठ से बिल्कुल सटे हुए 
    उसे छिपाते हुए l 
 
   उसे पसंद नहीं है शायद ..............

 " पर जो ये दाग है ,
                        वही तो मेरे लिए नायाब है l " शशिकांत सुमन #love#Romance#
#poetry#