धर्म ग्रंथानुसार भगवान विष्णु ने कूर्म का अवतार समुद्र मंथन के लिए लिया। इंद्र ने दुर्वासा द्वारा प्रदत्त पारिजातक माला को ऐरावत को पहना अपमान किया। महर्षि दुर्वासा ने कुपित होकर इंद्र को "तुम्हारा वैभव नष्ट होगा" का श्राप दिया। फलस्वरूप सारी लक्ष्मी समुद्र में लुप्त हो गई और पृथ्वी रसातल में समाने लगी। निराश हो इंद्र ब्रह्मा जी के पास गये तो, ब्रह्मा जी ने उन्हें विष्णु के पास भेजा, इंद्रदेव श्री विष्णु के पास गए तो, उन्होंने समुद्र मंथन करने का उपाय सुझाया। दैत्यों ने साथ देने में असमर्थता जताई तो, उनको अमृत का लालच दिलाया। इंद्रदेव ने दैत्यों और देवताओं को समुद्र मंथन करने के लिए तैयार किया। देवताओं और दानवों ने सारे मतभेद भुलाकर, मंदराचल पर्वत को उखाड़ लिया। विशाल पर्वत को समुद्र तक ना ले जा सके तो विष्णु ने समुद्र तट तक पहुंचाया। मंथन के लिए मंदराचल पर्वत को मथानी और नागराज वासुकी को नेती बनाया। आधारहीन मंदराचल पर्वत समुद्र की गहराई में धीरे - धीरे जब समाने लगा था, तब भगवान विष्णु ने विशाल कूर्म का रूप धारण कर पर्वत को आधार दिया। भगवान कूर्म की विशाल पीठ पर मंदराचल पर्वत सरलता पूर्वक घूमने लगा। देवताओं और दैत्यों ने समुद्र से अमृत एवं लक्ष्मी सहित चौदह रत्नो को प्राप्त किया। देवताओं ने श्री हरि विष्णु की कृपा से हुए समुद्र मंथन से पुनः वैभव को प्राप्त किया। #9avatarofvishnu #kurmaavatar #krishna #yqbaba #yqquotes #myquote Topic: Kurma Avatar Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...