कुछ महीनों से हूँ बेख़बर
किस हाल में होंगे रहबर
मैं उन्हें मार्च में मिला था
अब आ गया है सितंबर
सुप्रभात।
सितंबर माह का आज दूसरा दिन है। हर महीने का अपना मौसम, अपना मिज़ाज होता है।
खट्टी-मीठी यादों का महीना है सितंबर। आपके जीवन में सितंबर क्या गुल खिलाता है! लिखें।
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