सपनें तो रोज देखता हूँ इन खुली आँखों से पर बार बार बस राह बदल रहा हूँ शायद खो चूका हूँ सही राह खोजते खोजते धीरे धीरे ही सही पर फिर भी चल रहा हूँ थक भी गया हूँ अपनी इस ज़िन्दगी से पर कुछ बनने की जो इच्छा है इसी के कारण जी रहा हूँ वक़्त बदलता है अपना भी बदलेगा बस अपने सपनों के लिए संघर्ष कर रहा हूँ वक़्त बदलता है अपना भी बदलेगा... #Nojoto #Nojotohindi #sukhbirsiinghalagh