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अनुभव बिना न बोलिए, अनुभव बड़ी है सीख कबीरा बन ठन

अनुभव बिना न बोलिए, अनुभव बड़ी है सीख 
कबीरा बन ठन चल दिए राह पर कोहु न डालै भीख
कोहु न डालै भीख , तू क्यों न रहा सीख 
काम बिगरौ तूने सगरौ  आपनौ , फिर काहे रहौ है चीख 
कहे रहौ है चीख तू कहे..... चीख, अबहु बखतु है थोरो सो
थोरो- थोरो कर तौ सीख.....

©Asheesh indian #KabirJayanti शब्दार्थ:-  कोऊ:- कोई,   बिगरौ:- बिगड़ा ,    सगरौ:- सम्पूर्ण/पूरा 
, काहे:- क्यों ,   अबहु :- अभी भी,     बखत:- समय ,      थोरौ_थोरौ :- थोड़ा _थोड़ा  तौ:- तो
अनुभव बिना न बोलिए, अनुभव बड़ी है सीख 
कबीरा बन ठन चल दिए राह पर कोहु न डालै भीख
कोहु न डालै भीख , तू क्यों न रहा सीख 
काम बिगरौ तूने सगरौ  आपनौ , फिर काहे रहौ है चीख 
कहे रहौ है चीख तू कहे..... चीख, अबहु बखतु है थोरो सो
थोरो- थोरो कर तौ सीख.....

©Asheesh indian #KabirJayanti शब्दार्थ:-  कोऊ:- कोई,   बिगरौ:- बिगड़ा ,    सगरौ:- सम्पूर्ण/पूरा 
, काहे:- क्यों ,   अबहु :- अभी भी,     बखत:- समय ,      थोरौ_थोरौ :- थोड़ा _थोड़ा  तौ:- तो

#KabirJayanti शब्दार्थ:- कोऊ:- कोई, बिगरौ:- बिगड़ा , सगरौ:- सम्पूर्ण/पूरा , काहे:- क्यों , अबहु :- अभी भी, बखत:- समय , थोरौ_थोरौ :- थोड़ा _थोड़ा तौ:- तो #Poetry