हम शिकवा करें भी तो किससे करें, न हम किसी के है न कोई हमारा !! तुझ से कोई शिकायत हम करें भी तो कैसे करें ? दिल ही इजाज़त नहीं देता तेरे खिलाफ़ बोलने की !! #शिकायते