अपनी नाराज़गी कि कोई वजह तो बताई होती, हम ज़माने को छोड़ देते एक तुझे मनाने के लिए.. कह दो किस्मत से न हम उसको पुकारेंगे कभी, हम न हारे थे, न हारे हैं, न हारेंगे कभी..