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शहर में बना लिया मकान उन्होंने लाखों का पर अभी भी

शहर में बना लिया मकान उन्होंने लाखों का
पर अभी भी अपने बच्चों को आंगन दिखाने के लिए
वापस गाँव मे आते हैं
शहर में लोग अर्थी को कांधा भी नही देते है
गाँव मे छप्पर उठाने कई लोग एक साथ जुट जाते हैं
रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती गुरसहायगंज

©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 मेरा गाँव स्वर्ग से सुंदर
शहर में बना लिया मकान उन्होंने लाखों का
पर अभी भी अपने बच्चों को आंगन दिखाने के लिए
वापस गाँव मे आते हैं
शहर में लोग अर्थी को कांधा भी नही देते है
गाँव मे छप्पर उठाने कई लोग एक साथ जुट जाते हैं
रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती गुरसहायगंज

©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 मेरा गाँव स्वर्ग से सुंदर