जिसे भूलना चाहूं उसे याद करता हूं मैं.... हर अश्क से दिल के जज्बात पढ़ता हूं मैं प्यार करता हूं मैं .... जितनी सांसे बची है.. सारी की सारी उसके नाम करता हूं प्यार करता हूं मैं... एक बार नहीं सौ बार करता हूं मैं.... जो मन का है वही मेरा है बाकी सब मोह मोह का डेरा है जब भी उसे गले लगाता हूं अनंत गहराइयों का सुख पाता हूं फिर कैसे भूल जाऊं मैं प्यार करता हूं मैं रिश्ता ना हो कुछ भी फिर भी तुझमें रूहानियत रखता हूं मैं इस जन्म से नहीं... पुनर्जन्म से ही तुझे प्यार करता हूं मैं... प्यार करता हूं मैं.... प्यार करता हूं मैं