किस्मत का फैसला करने निकले ही थे हम इससे पहले किस्मत ने ही फैसला कर दिया। ठुलते फिरते थे जमाने की ठोकरों में कल तक शुक्रिया तेरा के सतगुरू के दर पे ला के रख दिया क़िस्मत