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किसी भी धर्म के बारे मे कुछ भी विवादित टिप्पणी करन

किसी भी धर्म के बारे मे कुछ भी विवादित टिप्पणी करने पर या बयानवाजी करने पर बयानवीर और आईपीसी की धारा 153-ए
वैसे तो नफरत पैदा करने वाले भाषण देने वाले बयानवीरों से निबटने के लिये वैसे तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए में प्रावधान है कि जो कोई भी धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का अपराध करेगा तो उसे इसके लिये पांच साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है.
#कानूनी _जागरुकता_शिविर

©RahulAhirwar किसी भी धर्म के बारे मे कुछ भी विवादित टिप्पणी करने पर या बयानवाजी करने पर बयानवीर और आईपीसी की धारा 153-ए
वैसे तो नफरत पैदा करने वाले भाषण देने वाले बयानवीरों से निबटने के लिये वैसे तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए में प्रावधान है कि जो कोई भी धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का अपराध करेगा तो उसे इसके लिये पांच साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है.

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किसी भी धर्म के बारे मे कुछ भी विवादित टिप्पणी करने पर या बयानवाजी करने पर बयानवीर और आईपीसी की धारा 153-ए
वैसे तो नफरत पैदा करने वाले भाषण देने वाले बयानवीरों से निबटने के लिये वैसे तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए में प्रावधान है कि जो कोई भी धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का अपराध करेगा तो उसे इसके लिये पांच साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है.
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वैसे तो नफरत पैदा करने वाले भाषण देने वाले बयानवीरों से निबटने के लिये वैसे तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए में प्रावधान है कि जो कोई भी धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का अपराध करेगा तो उसे इसके लिये पांच साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है.

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rahulganhster3224

RahulAhirwar

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