चुप रहकर ही सब कुछ बताना पड़ेगा, जरूरतों के वास्ते तो कमाना पड़ेगा ... वसीहत में मकाँ आया है हिस्से मेरे, उसे घर तो तुम्हीं को बनाना पड़ेगा ... कल घंटों तक हांथों में खोया रहा मैं तो, अब हांथों की लकीरों को मिटाना पड़ेगा ... अब कुछ ऐसी हालत हुई है मेरी कश्यप, ठंड की रात है और अलाव को बुझाना पड़ेगा ... एक उम्मीद है जो साँसों को चला रही है, उम्मीद टूटते ही मुझको भी जाना पड़ेगा .... ©Sunil Kashyap #Road #loV€fOR€v€R #Fir #Padega