विदेशों से रिश्ता -------------------- विदेशों से है मेरा रिश्ता पुराना पहले भी बताया करता था। जब मम्मी या पापा मुझे पीटते थे तो मैं "रूस" जाया करता था।। "चीनी" के बिना तो मैं कभी भी पीता ही नहीं हूँ चाय। न्यूज़ चैनल "इटली" वालों की देते हैं खबर सुनाए।। हर एक दिन में चार बार मैं "हंगरी" फील करता हूँ। काम काज में नगद में नहीं "चेक" से डील करता हूँ।। पत्नी की माँग रहती है कभी भई सोने की "बाली" की। इस बात से चिंता रहा करती है अपनी खुद की रखवाली की।। कम्प्यूटर में लोगों के मैं "जावा" इंस्टॉल करता हूँ। चाऊमीन के प्रकारों में मैं "सिंगापुरी" पसन्द करता हूँ।। "अरबी" की सब्जी घर में मेरे अक्कसर बना करती है। "ईरानी" पैट्रोल से बाइक मेरी प्रतिदिन चला करती है।। इस कविता के माध्यम से मैंने यह बताया है। सारा विश्व कहीं दूर नही मेरे घर में ही समाया है।। अवधेश कनौजिया© #NojotoQuote विदेशों से रिश्ता