निशब्द. कह ना पाया वह बात दिल मे दफ़्न थे जो जजाब्त बस चुपके से लिख दिया क्या तुमने पढ़ा था उस दस्क्खत को जो मैने अपने आँखो से कर दिया दिल मे टीस जो तुमने जगाया कभी सोचा था कितना तडपाएगा वह मुझे ? क्या तुमने किया था महसूस मेरे दिल के उस बावरेपन को तेरे हवाले हमने खुद को कर दिया. चैन से जो जीने नही देती क्या वो चुभन उधर भी है ? सुकून से मरने नही देती क्या वो तड़पन उधर भी है ? Arbind Choudhury Nishabd #nishabd #arbindpoetry #lovepoems