हे नारी तू कब तक ऐसे ही जियेगी कब तक घूँट वर्जनाओ के ऐसे ही पियेगी तू क्यों भूल रही अपने पुरातन आदर्शो को याद कर तू रूप है गार्गी अपाला और लक्ष्मीबाई का तुझमें शक्ति है दुर्गा और काली की तुझमें निहित भक्ति है मीराबाई की फिर तू क्यों अन्याय के आगे डरेगी और झुकेगी आखिर कब तक भावनाओं की चादर ओढ़कर यूं ही सिसकती रहेगी हे नारी तू ज्ञान का अथाह भण्डार है तेरा ही तो रचा ये सारा संसार है फिर क्यों आस देखती एक कदम पीछे खड़ी है हे नारी तू --------------------- कब तक घूँट-------------------- अर्चना चित्रांशी✍️ . #मिशनशक्ति