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दिल के इतने क़रीब है गजल मेरा ये नसीब है गज़ल जान

दिल के इतने क़रीब है गजल 
मेरा ये  नसीब है गज़ल 
जाने उसने किसके लिए लिखी थी गज़ल 
महका दिया हमने इसे जमाने मे 
भीड़ में गुम हुई थी ग़ज़ल 
क्या खबर किसकी थी ग़ज़ल 
याद आया वो हसीं मंज़र गज़ल का 
तो आज हमने फिर से लिखी थी ग़ज़ल

दिल के इतने क़रीब है गजल मेरा ये नसीब है गज़ल जाने उसने किसके लिए लिखी थी गज़ल महका दिया हमने इसे जमाने मे भीड़ में गुम हुई थी ग़ज़ल क्या खबर किसकी थी ग़ज़ल याद आया वो हसीं मंज़र गज़ल का तो आज हमने फिर से लिखी थी ग़ज़ल #Poetry #audio #nazam #poetryaudio #gazalaudio

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