जो हाथों में नहीं वो लकीर हो तुम जो है मेरी जागीर,वो तहरीर हो तुम कोई काफ़िर तुमको खुदा कहता है कोई शायर कहता है,बे-नज़ीर हो तुम दुनिया में तुम्हारे सिवा,क्या है देखने को हया के रंग से रंगी हुई,तस्वीर हो तुम तुम हो सबसे हसीं,जबकि न हूर हो तुम अजीब है ये,जरा भी न मगरूर हो तुम *तहरीर- writing *बे-नज़ीर- matchless, unique #yqbaba#yqdidi#dishapatni