#FourlinePoetry मैं तमाम-'उम्र जिरह करता रहा, अपने वजूद की सफाई देता रहा। जिन्हें रिश्तों की परवाह नहीं थी, मैं उन्हें रिश्तों की दुहाई देता रहा। ©Diwan G #माहर_हिंदीशायर #सफाई #दुहाई #उम्र #जिरह #वजूद #परवाह #fourlinepoetry