पल्लव की डायरी झूठ की तैयारी तमाम हो गयी आसमानो को छिपाने की बादलो की हद हो गयी जो है शास्वत उभर ही आयेगा तेरा तो लगा रहता है आना जाना कब तक सत्ता सत्य की छिपायेगा चंद मिनटों का है तेरा बसेरा जैसे ही छटेगी घटाये तेरी सत्य का सबेरा हो ही जायेगा उम्र नही रहती ज्यादा इनकी शोर मचा कर अस्तिव खो ही जायेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" चंद मिनटों का है तेरा बसेरा #CloudyNight