रह-रहकर दिल में चुभते हैं, जैसे दर्द बीमारों के, सावन की मदमस्त हवाएं, कायाकल्प बहारों के, मैं अदना बैठा हूं ऐसे, जैसे सुखी डाल पड़ी अब मुझसे ही बात करें हैं सन्नाटे दीवारों के।। सन्नाटा... #nojoto #nojotohindi #love_thought