फ़क़त इबादत के वक्त सर झुकाने वाले यहां, बे-ख़ौफ़ करें क़त्ल-ए-आम जैसे ख़ुदा का डर नहीं होताl यह जो सरकार कहती है कि देश विकास कर रहा है, अविकसित ही रहता हर चीज़ पर लगा जो कर नहीं होताl भुखमरी बेरोज़गारी से मर रही है दुनिया, बिन पैसों के यहां जीवन तो बसर नहीं होताl सर्दी में कांपते कांपते फुटपाथ पर सो गया, किसके घर जाएगा वह जिसका घर नहीं होताl ©anju bala@tabassum #Childhood #povertyinindia #garib